Aadmi Aadmi Party - Delhi Insaf

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AAM AADMI PARTY

आम आदमी पार्टी ने जंतर-मंतर से की मांग, बलात्कार के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए मामलों का हो स्पीडी ट्रायल 
. दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की हाल की घटना और सारे देश में महिलाओं के साथ लगातार हो रही छेड़छाड़ व दुष्कर्म के मामले का विरोध करने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता जंतर-मंतर पर उमड़े. दिल्ली और आसपास के इलाकों से बलात्कार के शिकार परिवारों के लोग आए और उन्होंने अपनी पीड़ा लोगों के सामने रखी. सब का दर्द एक जैसा था. 4 साल की लड़की के साथ कुछ दिनों पहले नरेला में बलात्कार की कोशिश हुई थी. पुलिस ने मामला दबाने की कोशिश की. आम आदमी पार्टी ने हस्तक्षेप किया था तो पुलिस ने कार्रवाई की. आरोपी को गिरफ्तार किया और दोषी पुलिसवालों को निलंबित किया. आज उस बच्ची की मां आई और उसने मंच से बताया कि उसने अपनी आंखों से
देखा था कि कैसे उनका पड़ोसी उनकी मासूम बेटी की इज्जत से खेलने की कोशिश कर रहा था. आम आदमी पार्टी ने पीड़ितों को अपनी व्यथा रखने का अवसर दिया तो अपना दर्द साझा करने वालों की कतार लग गई. सबने बताया कि कैसे पहले समाज में छुपे वहशियों ने उनके परिवार की इज्जत लूटी. उसके बाद फरियाद मांगने पर पुलिस और प्रशासन ने उनके घाव पर मरहम रखने की जगह जख्मों को गहरा कर दिया. मंच से आकर परेशानी बताने वालों में कुछ सामूहिक बलात्कार के शिकार थे तो कुछ की जिंदगी दरिंदों के तेजाब ने खत्म कर दी है. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पीड़ितो के प्रति पूरी संवेदना जताते हुए सरकार से विशेष सत्र बुलाकर बलात्कार के खिलाफ सख्त कानून पास कराने की जोरदार मांग रखी. आम आदमी पार्टी ने अपने सभी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे महिलाओं की रक्षा के लिए अपनी ओर से हरसंभव प्रयास करें. देश में हर 22 मिनट में एक महिला बलात्कार की शिकार हो रही है, लेकिन सज़ा 20 प्रतिशत लोगों को भी नहीं मिलती है. आम आदमी पार्टी ने मंच से बार-बार मांग की कि बलात्कारियों को सख्त और निश्चित तौर पर सज़ा दिलवाने के लिए कानून बनाएं जाएं और मामलों की सुनवाई स्पीडी ट्रायल से हो. दिल्ली की घटना पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए दिल्ली के आम लोगों ने जंतर-मंतर से इंडिया गेट तक एक कैंडल मार्च भी किया और अस्पताल में जिंदगी की लड़ाई लड़ रही पीड़िता के जल्द स्वस्थ होने की कामना की. चंद पीड़ितों की कहानी, उनके परिजनों की जुबानी.

 1. सुंदरनगरी की एक 13 साल की लड़की ने बताया कि गली के बदमाशों ने उसकी इज्जत पर हाथ डालने की कोशिश की. उसने शोर मचाया तो सरेआम सड़क पर जमकर पिटाई कर दी. पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची तो पुलिस ने कहा कि ऐसे मामले आते रहते हैं. तुम घर जाओ. वे लड़के अगर फिर से तंग करें तो उन्हें थाने बुलाओ. वह लड़की यह बताते समय फफक पड़ी कि पुलिस अपराधियों को खुद पकडड़ने के लिए प्रयास नहीं कर रही बल्कि पीड़िता से ही कहा जा रहा है कि दोषियों को पकड़कर लाओ.

 2. पश्चिम दिल्ली से आई सरिता श्रीवास्तव ने बताया कि मकानमालिक ने उनकी 13 साल की बेटी को जबरन उठवा लिया. पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने अनसुना कर दिया. बार-बार पुलिस का दरवाजा खटखटाने के बाद मकानमालिक ने बताया कि उसने 13 साल की लड़की की शादी अपने 35 साल के बेटे से कराकर कहीं भेज दिया है. सरिता महिला आयोग तक जा चुकी हैं लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. दोषियों को पुलिस ने कभी थाने तक नहीं बुलवाया एक्शन लेने की बात तो बहुत दूर है.

 3. गाज़ियाबाद से आई एक मां की दर्दभरी दास्तां सुनकर सभी भावुक हो गए. बहुजन समाज पार्टी के नेता ने 15 साल की एक लड़की को नशीला पदार्थ खिलाकर उसकी इज्जत लूट ली और उसकी फिल्म बना ली. बसपा नेता साहिबाबाद का सबसे बड़ा केबल ऑपरेटर है. उसने लड़की को धमकी दी कि अगर उसने शिकायत की तो केबल पर वह ब्लू फिल्म चला देगा. लड़की चुप रही और वह दो साल तक उसका बलात्कार करता रहा. एक दिन उसने लड़की को उसके स्कूल से उठाया और किसी अंजान जगह पर ले गया. वहां चार लोगों ने उसके साथ बलात्कार किया. लहूलुहान लड़की जब घर पहुंची तो उसकी मां को सारी बात पता चली. उन्होंने पुलिस में मामला दर्ज कराया. मामला उछला तो अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने के.टी.एस सेठी को भेजा. महिला ने बताया कि वह और उनकी बेटी आयोग के दिल्ली दफ्तर से लेकर लखनउ तक कई चक्कर लगा चुके हैं लेकिन आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहकर उनपर हंस रहा है. अब उनके लिए अपने मोहल्ले में रहना भी मुश्किल हो गया.

 4. बुलंदशहर की अर्चना ने बताया कि कैसे उन्होंने पड़ोस के मनचले की हरकतों का विरोध किया तो उसने तेजाब डालकर उनका शरीर 70 फीसदी जला दिया. अर्चना की बाईं आंख गल गई और शरीर के निजी हिस्से बुरी तरह जल चुके हैं. पीड़िता को मदद के नाम पर महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने 50 हजार का चेक दिया लेकिन शर्त लगा दी कि उस पैसे से केवल सरकारी अस्पताल में इलाज कराया जा सकता है. अर्चना की एक आंख खराब है और कई जगहों पर गंभीर चोटे हैं जिसका इलाज निजी अस्पतालों में है.

 5. मंगोलपुरी के हिमांशु कुछ महीने पहले उनके बहन के साथ हुए गैंपरैप की पीड़ा बताते हुए रो पड़े. 16 साल की लड़की के साथ पांच लोगों ने बलात्कार किया. मामला पुलिस में दर्ज कराया गया तो पुलिस ने उल्टे पीड़ित परिवार को परेशान करना शुरू कर दिया. दिखावे के लिए दो लोगों को पुलिस पकड़कर ले गई लेकिन तीन दिनों बाद वे भी बाहर आ गए क्योंकि पुलिस ने कोर्ट में मामले को ठीक से रखा ही नहीं.
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